Friday, 20 January 2023
बदल जायेगा सोशल मीडिया पर प्रचार का तरीका, भ्रामक विज्ञापनों पर कसेगी नकेल
नई दिल्ली : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शुक्रवार को एक सख्त गाइडलाइन्स जारी किया है. इसके तहत अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कंपनियों का प्रोडक्ट इंडोर्समेंट करने वाले हर सेलिब्रिटी, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर या वर्चुअल इन्फ्लुएंसर को ये बताना अनिवार्य होगा कि उन्होंने पैसे लेकर किसी प्रोडक्ट का प्रचार किया है या उस प्रोडक्ट के इंडोर्समेंट में उनका कोई निजी कमर्शियल या फाइनेंशियल इंटरेस्ट शामिल है.उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, " कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के अधीन हमने गाइडलाइन जारी किए हैं. कोई भी गलत तरीके से सोशल मीडिया पर व्यापार नहीं कर सकता है.इसके तहत भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए हमने गाइडलाइंस जारी किए हैं, जो कंज्यूमर हैं उन्हें यह डिस्क्लोजर दिया जाना चाहिए कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग पैसे लेकर विज्ञापन करते हैं".
सिंह ने कहा कि नई गाइडलाइन्स के तहत अब हर सेलिब्रिटी, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और वर्चुअल इन्फ्लुएंसर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रमुखता से बताना होगा की ये प्रोडक्ट इंडोर्समेंट 'पेड' है या 'पेड प्रमोशन' है. अगर वो किसी प्रोडक्ट का वीडियो जारी कर उसका इंडोर्समेंट करते हैं तो उन्हें पूरे वीडियो में ये बात साफ़ शब्दों में लिखनी होगी.
ये नियम किसी प्रोडक्ट इंडोर्समेंट की लाइव स्ट्रीमिंग पर भी लागू होगी. इसके साथ ही, प्रोडक्ट इंडोर्समेंट और पेड कंटेंट का डिसक्लोजर की भाषा भी एक होनी चाहिए.अगर कोई सेलिब्रिटी या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर नए गाइडलाइन्स का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. रोहित कुमार ने कहा, " इस कानून में प्रावधान है कि सेलिब्रिटी को गाइडलाइन्स का उल्लंघन करने पर सीमित समय के लिए किसी भी प्रोडक्ट को इंडोर्स करने से रोका जा सकता है. इतना ही नहीं, उनपर पेनाल्टी लगाई जा सकती है. इसके तहत उन्हें 6 महीने से 2 साल तक प्रोडक्ट इंडोर्स करने से रोका जा सकता है और 10 लाख से 50 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है".
ये नई गाइडलाइन्स शुक्रवार से ही पूरे देश में लागू कर दी ग
ई हैं. अब कोई भी सोशल मीडिया यूजर या उपभोक्ता नियमों का उल्लंघन होने पर इसकी शिकायत सेंट्रल कंस्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी से कर सकेगा.
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