Sunday, 7 May 2017
सरकार की बेरुखी से आहत है यह गोल्ड मेडलिस्ट खिलाडी
सरकार और नेता बेटियों को प्रोत्साहन देने की केवल बातें ही करते है जमीनी स्तर पर बेटियों की उपलब्धियों का कितना सम्मान होता है इसका उदाहरण खटीमा क्षेत्र की मनमीत है , सीनियर नेशनल हाॅकी चैम्पियनशिप रोहतक में आयोजित प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड की मनमीत कौर ने गोल्ड मेडल जीतकर उत्तराखण्ड व क्षेत्र का नाम रोशन किया है। खटीमा के प्रतापपुर नम्बर 4 निवासी रवीन्द्र सिंह व तरविन्दर कौर की बेटी मनमीत बचपन से ही हाॅकी की उत्कृष्ट खिलाड़ी रही है। वर्तमान में भारतीय रेलवे में सीनियर लिपिक पर कार्यरत मनमीत ने टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए हाल ही में रोहतक में आयोजित सीनियर नेशनल हांकी प्रतियोगिता में अपनी टीम को चैम्पियनशिप दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मनमीत इससे पूर्व नेशनल जूनियर चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल, आॅल इण्डिया यूनिवर्सिटी में टीम मेडल तथा राष्ट्रीय महिला हाॅकी में भी सिलवर मेडल जीत चुकी है। भारतीय महिला हाॅकी की तरफ से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हाॅलेंड व स्काटलैंड में भी खेल चुकी है। मनमीत ने कहा कि उनका सपना 2020 में भारतीय महिला हाॅकी टीम को ओलम्पिक में स्वर्ण पदक दिलाने का है। वहीं उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किसी भी तरह का प्रोत्साहन व सम्मान न मिलने से वह निराश भी नजर आई। इधर अन्तर्राष्ट्रीय हाॅकी खिलाडी मनमीत कौर के पिता रवीन्द्र सिंह ने कहा कि एक ओर सरकार बेटी पढ़ाओं, बेटी बचाओ जैसी योजना चलाते हुए बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी-बड़ी बाते करती है। वहीं हकीकत इसके उलट है। प्रदेश की एक बेटी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन कर रही है और सरकार उसकी सुध भी नहीं ले रही है।
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